भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1950 को अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह (National Symbol) के तौर पर अपनाया था। इसे शासन, शांति और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। इस स्तंभ को अशोक ने 280 ईसा पूर्व बनवाया था, जिसे वाराणसी में सारनाथ संग्रहालय में रखा गया है। इस प्रतीक का उपयोग केंद्र सरकार, कई राज्य सरकारों और सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जाता है। ये प्रतीक भारत सरकार के आधिकारिक लेटरहेड का एक हिस्सा है और सभी भारतीय मुद्रा पर प्रकट होता है। भारतीय पासपोर्ट पर भी ये प्रमुख रूप से अंकित है आधिकारिक पत्राचार के लिए किसी व्यक्ति या निजी संगठन को प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह बनाने का प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू ने 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा के सामने रखा और कहा कि इन चिन्हों के जरिये आधुनिक भारत को अपने इस समृद्ध और चमकदार अतीत के आदर्शों और मूल्यों को सामने लाना चाहिए।
भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अपने आप में अनोखा और अद्वितीय है। अशोक स्तंभ में चार शेर हैं, लेकिन तीन ही शेर दिखाई पड़ते हैं। इसकी गोलाकार आकृति की वजह से किसी भी तरफ से देखने पर केवल तीन ही शेर दिखाई देते हैं। इसके नीचे एक सांड और एक घोड़े की आकृतियों के बीच में एक चक्र हैं, जिसे हमारे राष्ट्रीय झंडे में स्थान दिया गया है। अशोक स्तंभ के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र "सत्यमेव जयते" लिखा हुआ है।
For more content like this -
Like Us On
Facebook: https://www.facebook.com/justlearning
.
Follow Us On
Twitter: https://twitter.com/justlearning_in
.
Follow Us On
Instagram: https://www.instagram.com/justlearning_in/
.
Like, Share & Subscribe The Just Learning YouTube Channel Now.
भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1950 को अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह (National Symbol) के तौर पर अपनाया था। इसे शासन, शांति और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। इस स्तंभ को अशोक ने 280 ईसा पूर्व बनवाया था, जिसे वाराणसी में सारनाथ संग्रहालय में रखा गया है। इस प्रतीक का उपयोग केंद्र सरकार, कई राज्य सरकारों और सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जाता है। ये प्रतीक भारत सरकार के आधिकारिक लेटरहेड का एक हिस्सा है और सभी भारतीय मुद्रा पर प्रकट होता है। भारतीय पासपोर्ट पर भी ये प्रमुख रूप से अंकित है आधिकारिक पत्राचार के लिए किसी व्यक्ति या निजी संगठन को प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह बनाने का प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू ने 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा के सामने रखा और कहा कि इन चिन्हों के जरिये आधुनिक भारत को अपने इस समृद्ध और चमकदार अतीत के आदर्शों और मूल्यों को सामने लाना चाहिए।
भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अपने आप में अनोखा और अद्वितीय है। अशोक स्तंभ में चार शेर हैं, लेकिन तीन ही शेर दिखाई पड़ते हैं। इसकी गोलाकार आकृति की वजह से किसी भी तरफ से देखने पर केवल तीन ही शेर दिखाई देते हैं। इसके नीचे एक सांड और एक घोड़े की आकृतियों के बीच में एक चक्र हैं, जिसे हमारे राष्ट्रीय झंडे में स्थान दिया गया है। अशोक स्तंभ के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र "सत्यमेव जयते" लिखा हुआ है।
For more content like this -
Like Us On
Facebook: https://www.facebook.com/justlearning
.
Follow Us On
Twitter: https://twitter.com/justlearning_in
.
Follow Us On
Instagram: https://www.instagram.com/justlearning_in/
.
Like, Share & Subscribe The Just Learning YouTube Channel Now.