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1- पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी भाग लें 

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पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लें। जैसे, स्कूल या कॉलेज में जो भी कार्यक्रम आयोजित हो, उसमें भाग लेने की कोशिश करें। स्कूल या कॉलेज मे भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लें इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसी तरह घर और समाज में कोई गतिविधि हो तो उसमें भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।

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2- अच्छे श्रोता बने 

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किसी भी चीज को समझने के लिए उसे अच्छे से सुनना बहुत जरूरी है। अच्छे से सुनने का मतलब है ध्यान लगाकर सुनना। अगर आप किसी से बात कर रहे है या शिक्षक से पढ़ रहे है तो आप सवाल तभी पूछ पाएंगे या अपने विचार तभी रख पाएंगे जब आप बात ध्यान से सुनेंगे और समझेंगे।

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3- हमेशा कुछ न कुछ नया सीखें 

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जिस तरह आप अपने स्मार्टफोन को अपडेट करते है। और उसमें कुछ नए फीचर्स जुड़ते है। ठीक इसी तरह अपने आपको हमेशा उपयोगी जानकारियों से अपडेट रखें। इसके लिए अपने पाठ्यक्रम के अलावा अन्य उपयोगी पुस्तकों का भी अध्ययन करें। इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इसके अलावा आप इंटरनेट का मदद ले सकते है।

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4- ज्यादा लोगों से मिले 

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एक विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास लिए यह बहुत जरूरी है कि वो लोगों से मिलें। जब आप लोगों से मिलते हैं खासकर नए लोगों से तो आपको कुछ नया सीखने को मिलता है, कुछ नई जानकारी मिलती है, जिसमें आपके किसी समस्या का समाधान मिल सकता है। अपने सीनियर, जूनियर, शिक्षक से मिलें, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें और आपके मन में किसी विषय में कुछ जानने की जिज्ञासा है या सवाल है तो जरूर पूछें।

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5- सकारात्मक हाव-भाव रखें 

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जब आप किसी से बात करें तो लगना चाहिए कि आप में ऊर्जा है। जैसे आप किसी से बात कर रहे है और हाथ बांधे हुए है या जेब में रखे हुए है तो इससे सामने वाले को लगेगा कि आप उनकी बातों का महत्व नहीं दे रहे है और इसका आपके बातचीत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए जब भी किसी से बात कर रहे हो, भाषण या प्रेजेंटेशन दें तो अपने हाथों और शरीर के अन्य अंगों का सही तरीके से इस्तेमाल करें।

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6- आशावादी बनें 

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हालात कैसे भी हो, निराश होकर हार न माने। खराब से खराब हालात में भी क्या अच्छा हो सकता है और क्या अच्छा आप कर सकते है उस पर ध्यान केन्द्रित करें। विद्यार्थी जीवन में बहुत सारी समस्याएं आती रहती है उनमें आप आशावादी बनें रहें।

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7- वास्तविक बनें रहे और ना कहना सीखें 

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विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास में दूसरों की देखा-देखी करना एक दिन बहुत बड़ी समस्या बन जाती है। लोगों को बनावटी लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं आते इसलिए आप जो है वही बने रहें और जरूरत के अनुसार उसमें सुधार करें। साथ ही, हर बातों में ‘हां’ कहना जरूरी नहीं है। अपने जरूरी कामों को प्राथमिकता देना सीखे।

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8- कम्युनिकेशन स्किल को बढ़ाएं 

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चाहे आप मौखिक संवाद कर रहे हो या लिखित संवाद। आपका कम्युनिकेशन स्किल अच्छा तभी माना जाएगा, जब आप अपना जो संदेश दूसरों तक पहुंचाना चाहते है वो सही तरीके से पहुंचा पाएं। अन्यथा आपको अपने कम्युनिकेशन स्किल में सुधार की जरूरत है। अगर आप मौखिक संवाद कर रहे है तो सबसे पहले ग्रीटिंग करे, उचित शब्दों का चयन करें, उच्चारण सही से करें।

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1- पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी भाग लें 

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पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लें। जैसे, स्कूल या कॉलेज में जो भी कार्यक्रम आयोजित हो, उसमें भाग लेने की कोशिश करें। स्कूल या कॉलेज मे भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लें इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसी तरह घर और समाज में कोई गतिविधि हो तो उसमें भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।

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2- अच्छे श्रोता बने 

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किसी भी चीज को समझने के लिए उसे अच्छे से सुनना बहुत जरूरी है। अच्छे से सुनने का मतलब है ध्यान लगाकर सुनना। अगर आप किसी से बात कर रहे है या शिक्षक से पढ़ रहे है तो आप सवाल तभी पूछ पाएंगे या अपने विचार तभी रख पाएंगे जब आप बात ध्यान से सुनेंगे और समझेंगे।

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3- हमेशा कुछ न कुछ नया सीखें 

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जिस तरह आप अपने स्मार्टफोन को अपडेट करते है। और उसमें कुछ नए फीचर्स जुड़ते है। ठीक इसी तरह अपने आपको हमेशा उपयोगी जानकारियों से अपडेट रखें। इसके लिए अपने पाठ्यक्रम के अलावा अन्य उपयोगी पुस्तकों का भी अध्ययन करें। इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इसके अलावा आप इंटरनेट का मदद ले सकते है।

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4- ज्यादा लोगों से मिले 

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एक विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास लिए यह बहुत जरूरी है कि वो लोगों से मिलें। जब आप लोगों से मिलते हैं खासकर नए लोगों से तो आपको कुछ नया सीखने को मिलता है, कुछ नई जानकारी मिलती है, जिसमें आपके किसी समस्या का समाधान मिल सकता है। अपने सीनियर, जूनियर, शिक्षक से मिलें, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें और आपके मन में किसी विषय में कुछ जानने की जिज्ञासा है या सवाल है तो जरूर पूछें।

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5- सकारात्मक हाव-भाव रखें 

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जब आप किसी से बात करें तो लगना चाहिए कि आप में ऊर्जा है। जैसे आप किसी से बात कर रहे है और हाथ बांधे हुए है या जेब में रखे हुए है तो इससे सामने वाले को लगेगा कि आप उनकी बातों का महत्व नहीं दे रहे है और इसका आपके बातचीत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए जब भी किसी से बात कर रहे हो, भाषण या प्रेजेंटेशन दें तो अपने हाथों और शरीर के अन्य अंगों का सही तरीके से इस्तेमाल करें।

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6- आशावादी बनें 

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हालात कैसे भी हो, निराश होकर हार न माने। खराब से खराब हालात में भी क्या अच्छा हो सकता है और क्या अच्छा आप कर सकते है उस पर ध्यान केन्द्रित करें। विद्यार्थी जीवन में बहुत सारी समस्याएं आती रहती है उनमें आप आशावादी बनें रहें।

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7- वास्तविक बनें रहे और ना कहना सीखें 

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विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास में दूसरों की देखा-देखी करना एक दिन बहुत बड़ी समस्या बन जाती है। लोगों को बनावटी लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं आते इसलिए आप जो है वही बने रहें और जरूरत के अनुसार उसमें सुधार करें। साथ ही, हर बातों में ‘हां’ कहना जरूरी नहीं है। अपने जरूरी कामों को प्राथमिकता देना सीखे।

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8- कम्युनिकेशन स्किल को बढ़ाएं 

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चाहे आप मौखिक संवाद कर रहे हो या लिखित संवाद। आपका कम्युनिकेशन स्किल अच्छा तभी माना जाएगा, जब आप अपना जो संदेश दूसरों तक पहुंचाना चाहते है वो सही तरीके से पहुंचा पाएं। अन्यथा आपको अपने कम्युनिकेशन स्किल में सुधार की जरूरत है। अगर आप मौखिक संवाद कर रहे है तो सबसे पहले ग्रीटिंग करे, उचित शब्दों का चयन करें, उच्चारण सही से करें।

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