मैग्नेटोस्फीयर वह गुहा है जिसमें पृथ्वी स्थित है और सूर्य के प्रभाव से सुरक्षित रहती है। यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और सौर पवन के बीच परस्पर क्रिया से निर्मित होता है, जो सूर्य से प्रवाहित होने वाले आवेशित कणों, मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनों एवं प्रोटॉन की एक सतत् धारा है। पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र उसके बाह्य कोर में पिघले हुए लोहे की गति से उत्पन्न होता है।

मैग्नेटोमीटर:
मैग्नेटोमीटर एक वैज्ञानिक उपकरण है जिसका उपयोग चुंबकीय क्षेत्र की शक्ति और दिशा को मापने के लिए किया जाता है। इसके अलावा,  इसका उपयोग अन्य खगोलीय पिंडों, जैसे ग्रहों, चंद्रमाओं, सितारों एवं आकाशगंगाओं के चुंबकीय क्षेत्रों का अध्ययन करने हेतु किया जा सकता है। मैग्नेटोमीटर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन या चुंबकत्त्व के सिद्धांतों के आधार पर काम करते हैं।

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मैग्नेटोस्फीयर वह गुहा है जिसमें पृथ्वी स्थित है और सूर्य के प्रभाव से सुरक्षित रहती है। यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और सौर पवन के बीच परस्पर क्रिया से निर्मित होता है, जो सूर्य से प्रवाहित होने वाले आवेशित कणों, मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनों एवं प्रोटॉन की एक सतत् धारा है। पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र उसके बाह्य कोर में पिघले हुए लोहे की गति से उत्पन्न होता है।

मैग्नेटोमीटर:
मैग्नेटोमीटर एक वैज्ञानिक उपकरण है जिसका उपयोग चुंबकीय क्षेत्र की शक्ति और दिशा को मापने के लिए किया जाता है। इसके अलावा,  इसका उपयोग अन्य खगोलीय पिंडों, जैसे ग्रहों, चंद्रमाओं, सितारों एवं आकाशगंगाओं के चुंबकीय क्षेत्रों का अध्ययन करने हेतु किया जा सकता है। मैग्नेटोमीटर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन या चुंबकत्त्व के सिद्धांतों के आधार पर काम करते हैं।

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